आज भारत में सोने-चाँदी के भाव में गिरावट दर्ज की गई है।
भारत में आज सोने-चाँदी की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है। लगातार कई दिनों तक ऊँचाई पर बने रहने के बाद, आज घरेलू बाजार में सोना थोड़ा सस्ता हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर के कमजोर होने और निवेशकों के मुनाफा वसूली करने से सोने-चाँदी के भावों में हल्की गिरावट देखी गई है।

🔹 आज के ताज़ा रेट (7 नवंबर 2025)
| धातु | शुद्धता | प्रमुख शहर | आज का भाव (₹/10 ग्राम या ₹/किलो) |
|---|---|---|---|
| सोना (Gold) | 24 कैरेट | दिल्ली | ₹1,22,000 / 10 ग्राम |
| 22 कैरेट | मुंबई | ₹1,11,850 / 10 ग्राम | |
| 18 कैरेट | चेन्नई | ₹91,450 / 10 ग्राम | |
| चाँदी (Silver) | — | दिल्ली | ₹1,39,200 / किलो |
📉 गिरावट की मुख्य वजहें
डॉलर में मजबूती और अंतरराष्ट्रीय संकेत
अमेरिकी डॉलर में हल्की तेजी आने के कारण ग्लोबल मार्केट में सोने-चाँदी की मांग थोड़ी कमजोर पड़ी है। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
त्योहारों के बाद घरेलू मांग में कमी
दशहरा और दिवाली सीजन के बाद ज्वेलरी की मांग घट जाती है, जिससे बाजार में भावों पर दबाव आता है।
निवेशकों की मुनाफावसूली
लगातार कई सप्ताह तक सोने की कीमतों में तेजी रही। अब निवेशकों ने ऊँचे स्तर पर मुनाफा बुक करना शुरू किया है।
केंद्रीय बैंकों की नीतियाँ और ब्याज दरें
अगर ब्याज दरें ऊँची रहती हैं तो निवेशक सोने के बजाय अन्य निवेश साधनों को प्राथमिकता देते हैं, जिससे सोने के भाव पर दबाव पड़ता है।
💬 विशेषज्ञों की राय
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अल्पकालिक (short-term) है। दीर्घकाल में, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, मध्य-पूर्व तनाव और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी के चलते सोने की कीमतों में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है।
Motilal Oswal और ICICI Securities जैसी कंपनियों का अनुमान है कि 2026 तक सोना ₹1.35–₹1.40 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है, यदि डॉलर कमजोर रहता है और केंद्रीय बैंक खरीदारी जारी रखते हैं।
📈 निवेशकों के लिए सलाह
अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं तो हर गिरावट को खरीदारी का मौका माना जा सकता है।
ज्वेलरी खरीदने वालों के लिए यह समय थोड़ा राहत भरा है क्योंकि पिछले सप्ताह के मुकाबले भावों में हल्की नरमी आई है।
ETF और डिजिटल गोल्ड में निवेश करने वाले लोग धीरे-धीरे अपनी होल्डिंग बढ़ा सकते हैं।
🪙 निष्कर्ष
आज के भावों में आई गिरावट ने उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत दी है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि दीर्घकाल में सोने की चमक बरकरार रहेगी। आर्थिक अस्थिरता, वैश्विक तनाव और मुद्रास्फीति जैसे कारण सोने को फिर से ऊँचाई की ओर ले जा सकते हैं।
💡 “सोना गिरता जरूर है, मगर अपनी चमक कभी नहीं खोता।”


